लेखक:
डॉ. हंसा दीप
टोरंटो (कैनेडा) मेघनगर (जिला झाबुआ, मध्यप्रदेश ) में जन्म। प्रकाशित पुस्तकें : उपन्यास-‘काँच के घर’, ‘बंद मुट्ठी’, ‘कुबेर’ व ‘केसरिया बालम’। कहानी संग्रह-‘चश्मे अपने-अपने’, ‘प्रवास में आसपास’, ‘शत प्रतिशत’, ‘उम्र के शिखर पर खड़े लोग’। लोक साहित्य-‘सौंधवाड़ी लोक धरोहर’। कहानियाँ मराठी, पंजाबी व अंग्रेजी पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित। ‘पूरन विराम तों पहिलां’ (पंजाबी में अनूदित कहानी-संग्रह), ‘आणि शेवटी तात्पर्य’ (मराठी में अनूदित कहानी-संग्रह) ‘बंद मुट्ठी’ गुजराती भाषा में अनूदित उपन्यास। संपादन : ‘कथा पाठ में आज’ ऑडियो पत्रिका का संपादन एवं कथा पाठ। भारत में आकाशवाणी से कई कहानियों व नाटकों का प्रसारण। कई अंग्रेज़ी फ़िल्मों के लिए हिन्दी में सब- टाइटल्स का अनुवाद। कैनेडियन विश्वविद्यालयों में हिन्दी छात्रों के लिए अंग्रेज़ी-हिन्दी में पाठ्य-पुस्तकों के कई संस्करण प्रकाशित। न्यूयॉर्क, अमेरिका की कुछ संस्थाओं में हिन्दी शिक्षण, यॉर्क विश्वविद्यालय टोरंटो में हिन्दी कोर्स डायरेक्टर। भारत में भोपाल विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक। संप्रति : यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में लेक्चरार के पद पर कार्यरत। |
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काँच के घरडॉ. हंसा दीप
मूल्य: $ 12.95 |